लम्पी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease)
- ये लेख हमारे मेरीखेती डॉटकॉम-१४ व्हाट्सएप्प ग्रुप मैं पियूष शर्मा ने दिया है
डॉ योगेश आर्य (पशुचिकित्सा विशेषज्ञ)
'लम्पी स्किन डिजीज' या एलएसडी (LSD - Lumpy Skin Disease) नई चुनौती के रूप में उभरकर सामने आ रही है। यह एक संक्रामक बीमारी है जिसमें दुधारू पशुओं व मवेशियों में गाँठदार त्वचा रोग या फफोले बनने शुरू हो जाते हैं और दुधारू पशुओं का दूध कम होने लगता है।
इस बीमारी की वैक्सीन भी बाजार में उपलब्ध नही है और गॉट-पॉक्स (बकरी-पॉक्स) वैक्सीन को वैकल्पिक रूप में काम मे ली जा रही है।
लंपी का ईलाज करना भी पशुपालक के लिए महंगा साबित हो रहा है ऐसे में कुछ देशी इलाज मिल जाये तो पशुपालकों के लिए काफी राहत वाली बात होगी।
'नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड' और 'इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसडिसिप्लिनरी हेल्थ साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी' ने प्रो. एन. पुण्यमूर्थी के मार्गदर्शन में कुछ पारंपरिक पद्दति द्वारा देशी ईलाज सुझाए हैं।
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लम्पी स्किन डिजीज का देशी उपचार:-
- पहली विधि- एक खुराक के लिए
- पान का पत्ता- 10 पत्ते
- काली मिर्च- 10 ग्राम
- नमक- 10 ग्राम
- गुड़ आवश्यकतानुसार
विधि- उपरोक्त वर्णित सामग्री को पीसकर सबसे पहले पेस्ट बना लेना है, अब इसमे गुड़ मिला लेवें। इन तैयार मिश्रण को पशु को थोड़ी थोड़ी मात्रा में खिलाएं।
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पहले दिन ये खुराक हर 3 घण्टे में देवें और उसके बाद दिनभर में तैयार तीन ताजा तैयार खुराकें 2 हफ्ते तक देवें।
दूसरी विधि- दो खुराक के लिए
- लहसुन- 2 कली
- धनियां- 10 ग्राम
- जीरा- 10 ग्राम
- तुलसी- 1 मुठ्ठी पत्ते
- तेज पत्ता- 10 ग्राम
- काली मिर्च- 10 ग्राम
- पान का पत्ता- 5 पत्ते
- छोटा प्याज - 2 नग
- हल्दी पॉवडर- 10 ग्राम
- चिरायता के पत्ते का पॉवडर- 30 ग्राम
- बेसिल का पत्ता- 1 मुठ्ठी
- बेल का पत्ता- 1 मुठ्ठी
- नीम का पत्ता- 1 मुठ्ठी
- गुड़- 100 ग्राम
विधि- उपरोक्त वर्णित सामग्री को पीसकर पेस्ट बना लो, इसमे गुड़ मिला लेवें। थोड़ी थोड़ी मात्रा में पशु को खिलाओ। पहले दिन इसकी खुराक हर 3 घण्टे में खिलाओ। दूसरे दिन से प्रतिदिन ताजा तैयार एक-एक खुराक सुबह शाम पशु को आराम आने तक देवें।
यदि घाव हो तो घाव पर लगाने हेतु मिश्रण:-
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सामग्री-
- कुप्पी का पत्ता- 1 मुठ्ठी
- लहसुन- 10 कलियाँ
- नीम का पत्ता- 1 मुठ्ठी
- नारियल/तिल का तेल- 500 मिली
- हल्दी पॉवडर- 20 ग्राम
- मेहंदी का पत्ता- 1 मुठ्ठी
- तुलसी का पत्ता- 1 मुठ्ठी
विधि- उपरोक्त वर्णित सामग्री को पीसकर पेस्ट बना लेवें फिर इसमें 500 मिली नारियल/तिल का तेल मिलाकर उबाल लेवें और ठंडा कर लेवें। लगाने की विधि:- घाव को साफ करने के बाद इस मिश्रण को घाव पर लगाएं।
यदि घाव में कीड़े दिखाई दे तो-
पहले दिन नारियल तेल में कपूर मिलाकर लगाएं या सीताफल की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बनाकर लगाएं।